अपने मान और मर्यादा की खातिर तुमने जाने से इन्कार किया, तुम्हारे अनंत दुख से द्रवित अपने मान और मर्यादा की खातिर तुमने जाने से इन्कार किया, तुम्हारे अनंत दुख ...
जब उलझकर परेशान होते हैं, तब पिता बहुत याद आते हैं। जब उलझकर परेशान होते हैं, तब पिता बहुत याद आते हैं।
बोझ को अगर हल्का करना है तो उससे दोस्ती कर लो। बोझ को अगर हल्का करना है तो उससे दोस्ती कर लो।
रसोई करती माँ एक उचटती नज़र डाल ही लेती है आँगन में। रसोई करती माँ एक उचटती नज़र डाल ही लेती है आँगन में।
हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है। हमने अपने भूत को भविष्य का कब्रिस्तान सजाते देखा है।
माना काम है जरूरी अपनो का साथ भी है जरूरी माना काम है जरूरी अपनो का साथ भी है जरूरी